शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

गौ सेवा से सम्बन्धित कुछ खबरें

चित्तौडग़ढ़। बारावफात के उपलक्ष्य में गौशाला में नूरी सूनी अंजुमन संस्था द्वारा गायों को हरा चारा एवं गुड़ खिलाया गया।
नूरी सूनी अंजुमन संस्था के संस्थापक इकबाल खिलजी ने बताया ५ फरवरी को हजरत मोहम्मद स.आ.व. जन्मोत्सव की खुशी में जश्ने ईद मिल्लादुन्नबी मनाई जाएगी। इस उपलक्ष्य में गोपाल गौशाला पर जुम्मे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा मुक पशु गायों को हरी घास एवं गुड़ खिलाया गया।
इस अवसर पर पूर्व अंजुमन सदर सैय्यद लियाकत अली, पूर्व संगठन मंत्री गुलाम नबी पहलवान, अमन अराकीन कमेटी के सदर निसार खारिया, पूर्व सदर अमीर खान एवं अन्य पदाधिकारी कार्यरत थे।
(२)

मानसा, 8 फरवरी (मित्तल): गौशाला में समाज सेवी नङ्क्षरद्र कुमार ङ्क्षनदी व उनकी पत्नी राज रानी ने अपनी विवाह की सिल्वर जुबली मौके पर गऊओं को सवामणि व हरा चारा डाला। इस मौके पर मधू बाला, अवशीश ङ्क्षजदल, बाविका ङ्क्षजदल, संजीव गुप्ता, रमेश ङ्क्षजदल, अशोक कुसला, विजय धीर आदि उपस्थित थे। इसके अलावा हरविन्द्र सिंह पुत्र मिट्ठू सिंह ने जन्मदिन पर, भागवती देवी पत्नी हेमराज की बरसी पर, मुनीश कुमार की विवाह की वर्षागांठ पर सवामणि डाली गई। गौशाला के अध्यक्ष अशोक नंगला ने कहा कि अगर हर व्यक्ति इसी तरह समाज सेवी कदम उठाए तो यह पशु कभी भूखे न मरें।

(३) हरियाणा में ३८५ गौशालाओं   में २ लाख ६० हजार के करीब गौ वंश की देखभाल की जाती है 

(४)हर जेल में खुले गौशाला
 

भीलवाड़ा। बंदियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने एवं उनमें करूणा रस का संचार करने के लिए हर जेल में गौशाला होनी चाहिए। राजस्थान में इसके लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। यह बात राष्ट्रीय जैन संत कमल मुनि "कमलेश" ने रविवार अपराह्न शास्त्रीनगर अहिंसा भवन में गौ ब्राण्ड्स विकास समिति की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।

उन्होंने गौ उत्पादों को निरोगी काया का आधार बताते हुए कहा कि देश के पांच राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, उत्तरप्रदेश एवं हरियाणा की कई जेलों में गौशालाएं स्थापित हो चुकी हैं। गौसेवा का कार्य करने से इन जेलों में करीब चालीस फीसदी बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की बात सरकारी अध्ययनों में भी साबित हुई है।

अलग से गौसेवा मंत्रालय खोलने की पैरवी करते हुए मुनि ने गौमाता को राजकीय पशु का दर्जा देने की मांग उठाई। उन्होंंने कहा कि तहसील स्तर पर गौशाला खोलने के साथ ही देश के 30 लाख आश्रमों में प्रत्येक को 100-100 गायें सौंप दी जाए तो उन्हें कत्लखानों से बचाया जा सकता है।
(खबरों के स्रोत्र = जागरण ,केसरी  समाचार,पत्रिका ,गूगल)


9 टिप्‍पणियां:

  1. Saarthak prayas aur puny ka kaam hai ... Naseeb Walon ko Aisa mouka milta hai ... Saarthak post ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बसंत ऋतू के आगमन पे आपको ढेर सारी सुभकामनाये
    आपकी प्रतिक्रिया मिलती रहती है जिसे मुझे उर्जा मिलती है
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद्
    माफ़ी चाहता हु की में कुछ दिनों से ब्लॉग पे आ नहीं सका

    इस के लिए मुझे खेद है
    आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
    और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है बस असे ही लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये
    बेटी है गर्भ में गिराए क्या ??????
    अपनी प्रतिक्रिया जरुर देवे
    दिनेश पारीक

    जवाब देंहटाएं
  3. कुछ अनुभूतियाँ इतनी गहन होती है कि उनके लिए शब्द कम ही होते हैं !
    बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  4. अत्यंत सराहनीय..........अत्यंत सार्थक.........एवं अत्यंत आवश्यक प्रयास.........इसमें अधिक से अधिक लोगों को अपना मनसा - वाचा - कर्मणा सहयोग देना चाहिए !!!!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुक्रिया विशाल भाई,आप की इस ब्लॉग पर उपस्तिथि हम जैसे लोगों को इस कार्य को आगे बढाने को प्रेरित करती रहेगी .....

      हटाएं
  5. सराहनीय प्रयास व मानवीय दायित्व का निर्वाह.

    जवाब देंहटाएं